
इंडिया फ़र्स्ट । भोपाल ।
मेरे परिवार ने तो मंदिर और सरकार को दान में दे दी करोड़ों की जमीन, भगवान का दिया सबकुछ है हमारे पास, हमें गलत करने की जरूरत नहीं
मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को इलेक्शन इवेंट और सच्चाई से परे बताया है। सिंह का कहना है कि मेरी सारी चल-अचल संपत्ति पैतृक तथा घोषित है। कांग्रेस के जिन नेताओं ने मुझ पर तथ्यहीन आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ मैं मानहानि का केस दर्ज कराऊंगा। सिंह का कहना है कि मेरे परिवार ने तो कांग्रेस शासनकाल में भी करोड़ों की जमीन दान में दी है। भगवान का दिया सब कुछ है हमारे पास। हमें गलत करने की कोई जरूरत ही नहीं है।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया एवं प्रदेश कांग्रेस के आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष पुनीत टंडन ने आज मीडिया से चर्चा कर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री सिंह पर संपत्ति को आधार बनाकर आरोप लगाए हैं। सिंह ने बिंदुवार जवाब देते हुए सभी आरोपों को बेबुनियाद, भ्रामक और राजनीति से प्रेरित बताया है। सिंह का कहना है कि अव्वल तो मेरी पैतृक संपत्ति को भी कांग्रेस नेताओं ने मेरी स्वअर्जित बताते हुए झूठे लांछन लगाए हैं। हकीकत यह है कि मेरे स्वगीय पूज्य पिताजी के पास 12 गांव की मालगुजारी थी और हमारे परिवार के पास पीढ़ियों से करीब 1200 एकड़ जमीन थी। ये अधिकांश क्षेत्र सागर शहर से लगे हुए थे, शहरी क्षेत्र बढ़ने से इन जमीनों की कीमत भी बढ़ गई।
अब इन जमीनों का आंकलन बढ़ गया तो इसमें मैं या मेरा परिवार इसके लिए दोषी कहां से हो गया। श्री सिंह ने कहाकि हास्यास्पद यह है कि मेरे द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाले आयकर रिटर्न और चुनावों के समय दिए गए घोषणा पत्रों के आधार पर ही कांग्रेस ने मेरी संपत्ति का आंकलन किया है और उसकी वर्तमान कीमत बताते हुए मात्र अपने मंसूबों को पूरा किया है। होटल, आवास सहित अन्य निर्माण भी मैंने बैंक से विधिवत लोन लेकर किया है। यदि मैंने अपनी चल-अचल संपत्ति का कोई हिस्सा छुपाया होता अथवा गलत जानकारी दी होती तो आयकर विभाग स्वयं ही मुझे अथवा मेरे परिवार को नोटिस जारी करता। श्री सिंह ने कहाकि जिस एडीआर रिपोर्ट, आयकर रिटर्न और चुनाव आयोग में दिए गए शपथ पत्र का हवाला देते हुए कांग्रेस के नेताओं ने मेरी और मेरे परिवार की छवि खराब करने की कोशिश की है, यदि वे राजनीतिक और चुनावी चश्मा हटाकर किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह ले लेते तो उन्हें झूठ बोलने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। श्री सिंह ने कहाकि हमारा परिवार दान लेने में नहीं, दान देने में विश्वास करता है। कांग्रेस शासनकाल में ही हमने करोड़ों रुपए की जमीन सरकार को दान दी थी। इसके अलावा मंदिर के लिए भी मेरे पूज्य पिताजी ने 25 एकड़ जमीन दान में दी थी। इसकी कीमत भी आज करोड़ों में है। श्री सिंह ने कांग्रेस पर जानबूझकर चुनावी चश्मे से मेरे परिवार को तौलते हुए आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के नेता प्रेसवार्ता लेकर बता चुके हैं कि उनका टारगेट दतिया और खुरई जैसी विधानसभा सीट हैं। खुरई में तो कांग्रेस का नामलेवा भी कोई नहीं बचा है। प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी अपने दौरों में वहां कांग्रेस की हकीकत देख आए हैं। उन्हें वहां ढूंढे—ढूंढे भी प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता ही भाजपा सरकार में हो रहे विकास कार्यों की तारीफ उनके मुंह पर करते हैं।
ऐसे में झूठे आरोपों का सहारा लेना कांग्रेस नेताओं की मजबूरी बन गया है। यदि कांग्रेस सच्ची होती तो इन सारे बिंदुओं पर आयकर, लोकायुक्त, ईओडब्लू अथवा किसी भी जांच एजेंसी में शिकायत करती। मुझे आजतक किसी जांच एजेंसी से कभी कोई नोटिस नहीं मिला। मगर राजनीति से प्रेरित होकर झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस और उसके नेता बच नहीं सकते। मैं आरोप लगाकर मेरी और मेरे परिवार की छवि बिगाड़ने का प्रयास करने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज कराऊंगा। मैं या मेरे परिवार के सदस्य कांग्रेस के किसी दबाव में नहीं आने वाले हैं। कांग्रेस ने 1985 में भी इसी तरह का दबाव बनाने की नाकाम कोशिश की थी। तब कांग्रेस सरकार ने हमारी सौ एकड़ जमीन माटी मोल ले ली थी। उस समय मैं बीजेपी की ओर से छात्र राजनीति में सक्रिय था, मुझसे कहा गया था कि कांग्रेस में आ जाओ तो सब छोड़ देंगे। आज उसी जमीन पर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बनी है। तब मेरे पूज्य पिताजी ने कांग्रेस को दो टूक जवाब देते हुए कह दिया था कि आप चाहो तो और जमीन रख लो, मगर बेटा कांग्रेस में कभी नहीं जाएगा। हमेशा भाजपा में ही रहेगा। नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह का कहना है कि भगवान का दिया सबकुछ है, गलत ढंग से धनार्जन करना न मेरी आदत है और न संस्कार। मेरा परिवार अब इन आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देगा। हम कांग्रेस नेताओं के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई जरूर करेंगे।
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