
इंडिया फ़र्स्ट । पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा है कि दिवाली की रात दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच सकती है। साथ ही उसके अगले दिन ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में 40 प्रतिशत तक हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हो सकती है।
पटाखों से उत्सर्जन शून्य रहने की स्थिति में दिल्ली में ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण स्तर के चार से छह नवंबर के बीच ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने का अनुमान है। देशभर में दिवाली की धूम है, लेकिन राजधानी दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध है. इसके चलते न सिर्फ कारोबारियों में निराशा का माहौल है, बल्कि लोग भी पटाखे न खरीद पाने से परेशान हैं. कभी पटाखों की दुकानों से गुलजार रहने वाली पुरानी दिल्ली के सदर बाजार की गलियां इस बार सूनी हैं. सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश और हवा की अनुकूल दिशा के कारण इस सीजन में अब तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम रहा है। हालांकि इसके पांच नवंबर तक 40 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है क्योंकि दिवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बदल सकती है। दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बाद आलम ये है कि बड़ी संख्या में दुकानें बंद हो गई हैं. वहीं व्यापारियों का दावा है कि उन्हें स्थानीय नेताओं और पुलिस अधिकारियों से पटाखे घर पर उपलब्ध कराने की लगातार डिमांड आ रही है. एक व्यापारी ने कहा कि हमने अपनी दुकान बंद कर दी है, यहां तक कि बोर्ड भी हटा दिया, क्योंकि पुलिसकर्मी परेशान कर रहे है.indiafirst.online