
इंडिया फर्स्ट। भोपाल
सरकार ने फैसला किया, वक्तव्य के माध्यम से सारी स्थिति सदन को और सदन के माध्यम से जनता को स्पष्ट की जाए।
सदन में वक्तव्य देना यह सरकार का अधिकार है और इस अधिकार का अनेकों बार प्रयोग हुआ है। मुझे यह समझ में नहीं आता अगर सरकार तथ्यों को वक्तव्य के माध्यम से रखना चाहती थी तो प्रतिपक्ष को दिक्कत क्या थी।
प्रारंभ में ही हमने तय किया था।
वक्तव्य की हमने अध्यक्ष जी से अनुमति ली थी। माननीय अध्यक्ष महोदय ने अनुमति दी और उसके अंतर्गत वक्तव्य देने का फैसला हमने किया था।
उस समय ही हमने यह कह दिया था नेता प्रतिपक्ष बोलें और कोई सदस्य बोलें, हर एक प्रश्न का उत्तर दिया जाएगा।
लेकिन कांग्रेस को चर्चा से भागना था। उन्हें तथ्यों से मतलब नहीं है।
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इसलिए जब मैं, वक्तव्य दे रहा था तब उन्होंने हंगामा किया और सारी बातें ठीक से ना पाए इस बात का प्रयास किया।(देखिए वीडियो)
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