
इंडिया फर्स्ट ब्यूरो। शहडोल संवादाता अखिलेश श्रीवास्तव|
मध्यप्रदेश के शहडोल से एक बार फिर इंसानियत को शर्मशार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है..जहा एक बेबश पिता अपने 13 वर्षीय मासूम बेटी का शव बाइक पर रखकर 60 किलोमीटर की दूरी तय करने के निकल गया, दरअसल जिला अस्पताल में बेटी के मौत के बाद पिता और परिजनो को शव वाहन नही मिला जिसके बाद थक-हार कर पिता ने बाइक में शव लेकर अपने गांव जाने लगे..
शहडोल जिले के बुढ़ार ब्लॉक के कोटा गांव के निवासी लक्षमण सिंह गोंड ने अपनी बेटी माधुरी को इलाज के लिए जिला अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया था..13 साल की माधुरी सिकल सेल बीमारी से पीड़ित थी.. जब गांव में बेटी की तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे 12 मई को जिला अस्पताल ले आये..दो दिन चले इलाज के बाद भी माधुरी की जान नहीं बच सकी और 14 मई की शाम माधुरी की मौत हो गयी..परिजनों ने शव को अपने गांव तक ले जाने के लिए शव वाहन करने की कोशिश कि लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली..
पिता ने जब शव वाहन मांगा तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 15 किलोमरेटर से ज्यादा दूरी के लिए नहीं मिलेगा..आपको खुद ही प्राइवेट वाहन लेना पड़ेगा..गरीब परिजन निजी शव वाहन का खर्च नहीं उठा सकते थे..इसलिए परिजनों ने बाइक में ही शव रखकर चल पड़े..निराश परिजन बेटी के शव को बाइक में रखकर रात में ही 60 किलोमीटर दूर अपने बुढ़ार जनपद के गांव कोटा के लिए निकल पड़े..
इस बीच कलेक्टर वंदना वैद्य को बाइक से शव ले जाने की सूचना मिली..कलेक्टर आधी रात को बाइक में शव ले जाते परिजनों को रोका और सिविल सर्जन को तत्काल शव वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए..सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिजन को शव वाहन उपलब्ध करा उनके गाँव भेज दिया गया..इतना ही नही परिजनों के लिये समाजसेवी प्रवीण सिंह ने भोजन और पानी की व्यवस्था कराया..कलेक्टर ने परिजनों पांच हजार की आर्थिक सहायता भी दी है..
वही कलेक्टर ने अधिकारियों को भी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि जरूरतमंदों को शव वाहन उपलब्ध कराने में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए…
देखने वाली बात यह है कि आदिवासी बाहुल्य शहडोल संभाग के जिलों में आये दिन कभी खाट पर मरीजों को ले जाने, कभी सायकल कभी बाइक पर शव ले जाने की तस्वीर सामने आते हैं..मामला सामने आने के बाद प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे करता है..लेकिन फिर भी आर्थिक रूप से कमजोर लोगी को सुविधा नहीं मिल पाती है..