नीति आयोग की मीटिंग में नहीं जाएंगे केजरीवाल ,PM को चिट्ठी लिखी

इंडिया फर्स्ट न्यूज़|

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में लाए गए अध्यादेश के खिलाफ बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसके अलावा सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने लिखा कि केंद्र के अध्यादेश का दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लोग जबरदस्त विरोध कर रहे है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधान मंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो हम न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे।

अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये ना ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और ना ही सहकारी संघवाद। केजरीवाल ने लिखा कि जब खुलेआम संविधान का मजाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। इसके बाद, केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए थे। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।

केजरीवाल ने अपने पत्र के माध्यम से दावा किया कि आपके अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लोगों में ज़बरदस्त विरोध है। सुप्रीम कोर्ट को न्याय का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। लोग पूछ रहे है- अगर प्रधान मंत्री सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए फिर कहाँ जायेंगे? उन्होंने कहा कि जब इस तरह खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि देश के प्रधान मंत्री परिवार के पिता और बड़े भाई के समान होते हैं। किसी राज्य में चाहे किसी पार्टी की सरकार हो, प्रधान मंत्री को सबको साथ लेकर चलना चाहिए। देश के सभी लोग, सभी राज्य सभी सरकारे जब मिलकर काम करेंगी, तभी तो देश आगे बढ़ेगा।

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