
इंडिया फ़र्स्ट ब्यूरों। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान ने दुनिया के कई देशों से संपर्क किया है और मदद मांगी है। हालांकि भारत समेत विश्व के कई देश अभी भी वेट एंड वॉच की नीति पर काम कर रहे हैं। तालिबान को भी पता है कि देश को चलाने के लिए उसे दूसरे देशों की सहायता की जरूरत है। ऐसे में उसने भारत सरकार से अफगान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति फिर से शुरू करने के लिए भी कहा है। तालिबान की ओर से ऐसी मांगें तब आई हैं, जब केंद्र सरकार ने संकेत दिया कि वह तालिबान द्वारा बनाई गई अंतरिम कैबिनेट को मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं है।
कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी जैसे तालिबान अधिकारी भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले अफगान छात्रों की यात्रा जैसे मुद्दों को मुत्ताकी चाहता है कि छात्रवृत्ति रखने वाले अफगान छात्रों को भारत की यात्रा करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, भारतीय पक्ष तालिबान को तुरंत जवाब देने की जल्दी में नहीं है, खासकर ऐसे समय में जब किसी अन्य देश ने काबुल में सरकार के साथ आधिकारिक संबंध स्थापित नहीं किए हैं।
इस हफ्ते, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की अपील की। उसने एयरलाइंस के साथ पूर्ण सहयोग का वादा किया और कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर समस्याओं का समाधान किया गया है। हवाई अड्डे से सीमित संख्या में सहायता और यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं। लेकिन तालिबान की राजधानी पर कब्जा करने के बाद हजारों विदेशियों और कमजोर अफगानों की अराजक निकासी के मद्देनजर बंद होने के बाद से सामान्य सेवाओं को फिर से शुरू करना बाकी है। निकासी के दौरान क्षतिग्रस्त हुए हवाई अड्डे को कतर और तुर्की की तकनीकी टीमों की सहायता से फिर से खोल दिया गया है। ।indiafirst.online