
इंडिया फर्स्ट। नई दिल्ली।
संसद में कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को फिर चर्चा हुई। अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने चर्चा की शुरुआत की और मणिपुर का मुद्दा उठाया। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संवैधानिक प्रक्रिया है, हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। इससे राजनीतिक दलों और पार्टियों के चरित्र उजागर होते हैं।
अमित शाह ने नरसिंह राव का किया जिक्र
आगे अमित शाह ने कहा कि मैं तीन प्रस्तावों का जरूर जिक्र करना चाहूंगा। दो प्रस्ताव हम लेकर आए थे, एक एनडीए सरकार के खिलाफ आया। जुलाई 1993 में नरसिंह राव की सरकार थी, अविश्वास प्रस्ताव आया। कांग्रेस का मूल सिद्धांत है येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहना। नरसिंह राव की सरकार जीत गई, लेकिन बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर यह जीत हासिल की गई।
अमित शाह ने बोला कि अटलजी ने इसी जगह बैठकर कहा कि संसद के फैसले को सिर पर चढ़ाऊंगा। सिर्फ एक वोट से सरकार गई। हम यूपीए और कांग्रेस की तरह सरकार बचा सकते थे। कांग्रेस का चरित्र भ्रष्टाचार का है, हमारा चरित्र वैसा नहीं है। एक ही वोट का फर्क था। एनडीए सरकार ने स्पीकर के पद की गरिमा का भी पालन किया था। हमारी सरकार चली गई। जनता है जो सब देखती है, सब जानती है। एक वोट से हमारी सरकार गई, लेकिन अंत में क्या हुआ? बहुत बड़े बहुमत के साथ अटलजी फिर से देश के प्रधानमंत्री बने। अटलजी के नेतृत्व में तब और मोदी जी के नेतृत्व में हम सिद्धांतों की राजनीति बचाने के लिए यहां हैं।