
इंडिया फर्स्ट ।
अफगानिस्तान में राजधानी काबुल समेत कई प्रांत बिजली कटौती के कारण अंधेरे में डूब चुके हैं. इसके पीछे की वजह उज्बेकिस्तान से होने वाली सप्लाई में तकनीक गड़बड़ी को बताया जा रहा है. हालांकि अफगानिस्तान की सरकारी बिजली कंपनी ‘दा अफगानिस्तान ब्रेशना शेरकत’ पर कई मध्य एशियाई देशों का बिजली का बिल बकाया है. तालिबान ने भी किसी बिजली का बिल नहीं चुकाया है. ऐसे में करीब 6.2 करोड़ डॉलर के बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए DABS सरकारी अधिकारियों की संपत्ति को बेचने की तैयारी में है. बता दें तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान में खाने-पीने तक क का संकट पैदा हो गया है
अफगानी बिजली कंपनी के हवाले से समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने जानकारी दी कि उत्तरी अफगानिस्तान के बगलान प्रांत में तकनीकी समस्या आने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है. हालांकि, बिजली कंपनी ने यह भी कहा है कि उनका तकनीकी स्टाफ इस समस्या को जल्द-से-जल्द दूर करने के लिए काम कर रहा है.
बता दें कि बिजली आपूर्ति के लिए अफगानिस्तान मध्य एशिया के देशों पर निर्भर है. अफगानिस्तान को 80 फीसदी बिजली उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान से मिलती है. हालांकि, इस साल अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद से तालिबान इन देशों का कर्ज चुकाने में नाकामयाब रहा है.
DABS के पूर्व प्रमुख दाऊद नूरजई ने इसी महीने बताया था कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सर्दियां आने तक भारी बिजली कटौती हो सकती है. उन्होंने कहा था कि तालिबान द्वारा बिजली आपूर्ति करने वाले देशों को बकाया बिल का भुगतान न करने की वजह से ऐसा हो सकता है. हालांकि, इस बीच DABS के कार्यकारी प्रमुख सफीउल्ला अहमदजई ने कहा है कि वे जल्द ही योजनागत तरीके से सभी बकाया चुका देंगे ताकि बिजली कटौती से बचा जा सके. indiafirst.online