
इंडिया फर्स्ट। इंदौर ।
एमपी वाकई में अजब है। यहां एक से बढ़कर एक घोटाले होते रहते है। सरकारी तंत्र, दिखाता कुछ है और असल में होता कुछ और ही है। ऐसा ही एक मामला इंदौर ( INDORE ) में सामने आया है। दरअसल, इंदौर विकास प्राधिकरण (INDORE DEVELOPMENT AUTHORITY) के विभिन्न सेक्शन में प्रिंट निकालने के लिए प्रिंटर में लगाए जाने वाले कार्टेज का घोटाला सामने आया है। आईडीए ने एचपी कंपनी का कार्टेज सप्लाय करने के लिए टेंडर जारी किए थे। मास्टर माइंड इंटरप्राइजेस कंपनी को इसका कॉन्ट्रैक्ट मिला, लेकिन आईडीए के कर्मचारी सुंदर कुमार और कॉन्ट्रैक्टर ने मिलीभगत कर कंपनी के बॉक्स में लोकल कार्टेज रखवाकर सप्लाय करवा दिए।
कंपनी के बॉक्स पर कार्टेज की कीमत 25 हजार रुपए लिखी होती थी, लेकिन अंदर लोकल कंपनी का 12 हजार रुपए कीमत वाला कॉर्टेज निकलता था। जब खराब क्वालिटी के प्रिंट निकलने लगे, कार्टेज जल्दी खराब हुआ तो इसकी जांच की गई। सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने तत्काल प्रभाव से स्टोर प्रभारी सुंदर कुमार को सस्पेंड कर दिया। कार्यपालन यंत्री ज्ञानेंद्र सिंह जादौन को इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं। जादौन ने मास्टर माइंड कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की अनुशंसा की है। वहीं सेक्शन के अन्य स्टाफ के बयान भी लेने शुरू कर दिए हैं।
सालाना एक करोड़ रुपए के कार्टेज लगते हैं
आईडीए (IDA ) द्वारा साल में 8 से 10 बार कार्टेज के लिए टेंडर जारी किए जाते हैं। मास्टर माइंड कंपनी को इसका कॉन्ट्रैक्ट मिला हुआ था। सालभर में तकरीबन एक करोड़ रुपए इस मद में खर्च किए जाते हैं। स्टोर रूम में जांच की गई तो एचपी के बॉक्स में लोकल कार्टेज मिले। चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा के मुताबिक 15 दिन में जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भ्रष्टाचार करने वालों को सेवा से ही बर्खास्त किया जाएगा। आर्थिक नुकसान होने पर वसूली भी की जाएगी। indiafirst.online