इंडिया फर्स्ट ब्यूरों।। 1964 के संविधान को उन अफगान लोगों ने तैयार किया था, जिन्होंने विदेशों में पढ़ाई की थी. अब तालिबान इसे अपनाना चाहता है. तालिबान ने ऐलान किया है कि वो अफगानिस्तान पर शासन करने के लिए 1964 के संविधान को अस्थायी रूप से अपनाएगा. लेकिन कुछ भी शरिया कानून के खिलाफ होने पर इसमें कुछ बदलाव भी …