
भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के छिंदवाड़ा मॉडल पर कभी न मिटने वाला दाग लगा है।12 साल की एक प्रतिभावान छात्रा ने फांसी लगाकर इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके पिता स्कूल की फीस नहीं भर पाए थे और स्कूल ने उसे पढ़ाने से मना कर दिया था। CORONA लॉकडाउन के कारण पिता का धंधा ठप हो गया था। इन दिनों वो मजदूरी कर रहे हैं।
बड़कुही चौकी प्रभारी मोहन मर्सकोले के मुताबिक बड़कुही में रहने वाले इदरीश अंसारी की 12 साल की मासूम बच्ची फायजा अंसारी कक्षा 7वीं की छात्रा थी। शुक्रवार की शाम जब उसकी मां पड़ोस में थी, तभी उसने फांसी पर झूल कर आत्महत्या कर ली। पड़ोसियों ने बताया कि इस परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। बेटी की पढ़ाई के लिए ना तो मोबाइल खरीद पा रहे थे और ना ही किताबें। यहां तक की बेटी की स्कूल फीस भी नहीं भरी थी।
12 साल की मासूम फ़ायजा अंसारी पढ़ाई में काफी होनहार थी ,उसके पड़ोसियों ने बताया कि पुस्तक और मोबाइल ना होने के बाद भी अपने दोस्तों के मोबाइल से पढ़ने का प्रयास करती थी। पढ़ाई करने और अपनी कक्षा में अव्वल आने का जुनून सवार था। उसने आत्महत्या करने से पहले पढ़ाई को जारी रखने के लिए हर आखरी कोशिश की, जो व कर सकती थी, परंतु परिवार के अलावा पड़ोसियों से भी कोई मदद नहीं मिल पाई।
लोगों ने बताया कि आस पड़ोस के लोग अपना मोबाइल दे देते थे। पुरानी किताबों का भी इंतजाम हो जाता लेकिन स्कूल फीस नहीं भर पाई थी इसलिए स्कूल वालों ने पढ़ाने से मना कर दिया था। शायद स्कूल के मना करने के बाद ही छात्रा की उम्मीद टूट गई थी।
गौरतलब हो कि मृत छात्रा के पिता शादी में लाइटिंग का व्यवसाय करते थे लेकिन कोरोना की पहली लहर के बाद से ही शादी लाइटिंग का व्यवसाय ठप हो गया तभी से परिवार को माली हालत बिगड़ी चली गई और परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा था। बच्ची के पिता ने भाई के यहां ट्रक में हेल्पर का काम भी भी शुरू कर दिया। इदरीश अंसारी की हालत इतनी खराब थी की वह कई महीनो से मकान मालिक को किराया भी नही दे पाया था।