
इंडिया फ़र्स्ट ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित किया जिसमें उन्होंने शिक्षकों से संदर्भित बातों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के समक्ष आने वाले दुश्वारियों व उनके निदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों व छात्रों के समक्ष आने वाली जटिलताओं के दृष्टिगत उसके निदान की रूपरेखा तय कर उसे जींवत करने का कार्य हमारे कार्यकाल में किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों की उन्नति के लिए शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं। अब प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों में अवलोकन क्षमता अधिक होती है।
उनके अंदर में किसी भी विषय का गूढ़ ज्ञान देखा जाता है, लिहाजा हमने समय की आवश्यकता के दृष्टिगत शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता को ध्यान में स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले छात्रों को प्रेरित किया है और इस दिशा में हम अपनी कोशिशों को परवान पर पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के समक्ष आने वाली दुश्वारियों का जिक्र भी अपने संबोधन में किया। उन्होंने शिक्षकों के मध्य प्रचलित विसंगतियों का जिक्र उस पर विराम लगाने के ध्येय से अपनी रेखित तय रेखा को जींवत करने का काम किया। आइए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
शिक्षकों के मध्य धन देकर अपना तबादलने रूकवाने के चलन का जिक्र कर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता है कि अध्यापकगण धन देकर अपना तबादला रूकवा रहे हैं। मेरे संज्ञान में कई ऐसे प्रकरण सामने आए हैं और मैं इस खुद विराम लगाने की दिशा में सक्रिय हो चुका हूं और अतिशीघ्र इस पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा जगत में प्रचलित इस स्थिति पर टिप्पणी कर कहा कि प्रदेश सरकार इसके लिए नीति गठित करेगी, ताकि कोई भी शिक्षक ऐसे कृत्यों की पुनरावृत्ति न कर सकें।
#WATCH कई बार तो हमने सुना है कि ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं? दुख की बात है कि शिक्षक को पैसे देकर ट्रांसफर करवाना पड़ता है। मैं समझता हूं कि कोई ऐसी पॉलिसी बन जाए ताकि आपको पता हो कि आपका ट्रांसफर 2 साल में होगा: राजस्थान के जयपुर में शिक्षक समारोह में सीएम अशोक गहलोत pic.twitter.com/qHNLX2cfpJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2021
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