
इंडिया फर्स्ट | नई दिल्ली |
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- देश में अवैध प्रवासियों की गिनती संभव नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने असम में अवैध प्रवासियों से जुड़ी सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 17 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भारत में अवैध प्रवासियों का डेटा कलेक्ट करना संभव नहीं है। विदेशी नागरिक भारत में चोरी-छिपे घुसते हैं। इनका पता लगाना, हिरासत में लेना और बाहर निकालना काफी मुश्किल है।
इस मामले पर 7 दिसंबर को पिछली सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 11 दिसंबर तक 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 तक असम में बांग्लादेशी शरणार्थियों को दी गई नागरिकता का डेटा मांगा था। इस पर केंद्र ने आज एफिडेविट दाखिल किया।
केंद्र ने बताया कि अब तक 17,861 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है। वहीं 2017 से 2022 के बीच 14,346 विदेशियों को उनके देश वापस भेजा गया। फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ऑर्डर 1964 के तहत 1966-1971 के बीच 32,381 लोगों की पहचान विदेशियों के रूप में की गई है। INDIAFIRST.ONLINE