
राजधानी भोपाल में बेटी होने पर एक पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पिता ने इस खुशी को अलग अंदाज में सेलिब्रेट करने का मन बनाया. उन्होंने लोगों को फ्री में पानी-पूरी खिलाई. उन्होंने कहा कि मैंने बेटी के लिए कई चौखटों पर माथा टेका था. अब मन्नत पूरी हुई है.
बेटी होने की खुशी क्या होती है, इसकी बानगी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में देखने को मिली. यहां एक फुल्की वाले ने बेटी होने के बाद जिस तरह से अपनी खुशी को बयां किया वह देखने लायक थी. इस फुल्की वाले के घर गत 17 अगस्त को बिटिया का जन्म हुआ था. बेटी होने की खुशी में इस फुल्की वाले ने रविवार को सैंकड़ों लोगों को मुफ्त में लाखों पानी पूरी खिलाई. इस दौरान उन्हें बधाई देने वालों के लिए लाइन लग गई. लोग बधाई भी दे रहे थे, फुल्की भी खा रहे थे.
बीमाकुंज कोलार में रहने वाले अंचल गुप्ता इलाके में फुल्की का ठेला लगाते हैं. उनके घर बेटी ने जन्म लिया तो उन्होंने इस खुशी को अलग तरह से सेलिब्रेट करने का मन बनाया. उन्होंने सभी को फ्री में पानी पूरी खिलाई. अंचल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने भगवान से बेटी के जन्म की प्रार्थना की थी. उन्होंने यह मन्नत कई जगहों पर मांगी थी. भगवान ने उनकी सुन ली और बेटी का जन्म हुआ. उन्होंने बताया कि उनकी इस खुशी में शामिल होने वाले हर एक व्यक्ति को पेटभर के पानीपूरी खिलाई.
अंचल गुप्ता भले ही गोलगप्पे का छोटा सा कारोबार करते हों, लेकिन उन्होंने समाज को एक बड़ा संदेश दिया. उन्होंने बताया कि अभी भी कई लोग केवल बेटों के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं. उनका यह संदेश समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा. उन्होंने बताया कि बिटिया के होने से पूरा परिवार खुश है. इस खुशी में टेंट लगाकर आयोजन किया गया. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. अंचल के गोलगप्पे बेचने से ही परिवार का पालन पोषण होता है. लेकिन, बिटिया के आने से अब उन्हें नई ऊर्जा मिली है.
इससे पहले एक ऐसा भी मामला आ चुका है
उल्लेखनीय है कि भोपाल में अनोखे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस तरह का ही एक मामला रातीबड़ इलाके से भी सामने आया. यहां ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस एक बिल्ली की मौत के बाद उसके चार बच्चों के लिए मां की भूमिका निभा रही है. थाने का स्टाफ थाने के अंदर ही उन चारों बच्चों की देखभाल कर रहा है. भावनाओं से भरा ये नजारा भोपाल के रातीबड़ थाने में देखा जा सकता है.