
इंडिया फर्स्ट। नई दिल्ली।
भारतीय सेना ने 400 हॉवित्जर तोप की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय के पास एक प्रस्ताव भेजा है। हॉवित्जर तोप पूरी तरह से स्वदेशी है। इसका निर्माण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी DRDO ने किया है।
यह तोप पुरानी तोपों से काफी हल्की है। इसकी रेंज 48 किमी है। साथ ही यह माइनस 30 से लेकर 75 डिग्री तापमान तक में सटीक फायर करने में सक्षम है।
हॉवित्जर को ATAGS यानी एडवांस्ड टोवेद आर्टिलरी गन सिस्टम भी कहा जाता है
जैसा कि इसके नाम Advanced Towed Artillery Gun System से जाहिर है कि यह टोव्ड गन यानी ऐसी तोप है जिसे ट्रक से खींचा जाता है। यह गोला दागने के बाद बोफोर्स की तरह कुछ दूर खुद ही जा सकती है। इस तोप का कैलिबर 155 एमएम है। मतलब यह कि इस आधुनिक तोप से 155 एमएम वाले गोले दागे जा सकते हैं।
ATAGS को हॉवित्जर भी कहा जाता है। हॉवित्जर यानी छोटी तोपें। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध और उसके बाद तक युद्ध में बहुत बड़ी और भारी तोपों को इस्तेमाल होता था। इन्हें लंबी दूरी तक ले जाने और ऊंचाई पर तैनात करने में काफी मुश्किलें होती थीं। ऐसे में हल्की और छोटी तोप बनाई गईं, जिन्हें हॉवित्जर कहा गया।