MP: नाबालिक आदिवासियों छात्राओं को दी जा रही थी सिस्टर बनने की ट्रेनिंग

इंडिया फर्स्ट । झाबुआ।

एसडीएम द्वारा आदिवासी बालिकाओं से छेड़छाड़ का अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नाबालिग आदिवासी छात्राओं का बगैर रजिस्ट्रेशन की निजी छात्रावास में प्रवेश और उन्हें ईसाई मान्यता अनुसार सिस्टर बनने की ट्रेनिंग देने का खुलासा हुआ है। शुक्रवार को झाबुआ पहुंची राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने तीनों बालिकाओं को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। टीम के 2 सदस्यों ने चर्च परिसर स्थित कैथोलिक गर्ल्स छात्रावास का निरीक्षण भी किया। सबसे पहले टीम के सदस्यों ने माध्यमिक कन्या छात्रावास की उन छात्राओं से बात की जिसके साथ कथित तौर पर एसडीएम ने छेड़छाड़ की थी। छात्रावास में पीड़ित छात्राओं के बयान लेने के बाद टीम के सदस्य जीवन ज्योति छात्रावास व चर्च परिसर स्थित कैथोलिक गर्ल्स छात्रावास में तीन नाबालिक को बिना रजिस्ट्रेशन के रहते हुए पकड़ा। टीम ने दावा किया कि इन्हें ईसाई मान्यता के अनुसार सिस्टम बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम में ओकारसिंह, सोनम निनामा सहायक के रुप में गजेंद्र जाट शामिल थे।

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