
इंडिया फर्स्ट। भोपाल।
मप्र में कांग्रेस कुछ सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जीत के दावे कर रही है । लेकिन अगर कांग्रेस के जीत के दावों को सही भी मान ले तो क्या वाकई में कमलनाथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे । ये सवाल इसलिये कि राहुल गांधी लगातार चुनाव प्रचार के दौरान, ओबीसी वर्ग की वकालत कर रहे है। मप्र में दिये गये अपने सभी भाषणों और रैलियो में उन्होने पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि, राहुल गांधी क्या मप्र में कमलनाथ को ही मुख्यमंत्री पद के लिये फाईनल कर चुके है या उनके कॉर्ड चुनाव बाद आने वाली सीटों के समीकरण के हिसाब से बदल भी सकते है।
कांग्रेस की भीतरी राजनीति में भी दिग्विजिय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, अरुण यादव जैसे गुट लगातार अपनी जगह को मजबूत करने की कोशिशो में जुटे हुए है । कमलनाथ के कपड़े फाड़ बयान के बाद तो इस चर्चा ने और ज़ोर पकड़ लिया था कि क्या वाकई में कमलनाथ को ही कांग्रेस के सभी गुट अपना नेता, चुनाव बाद ही मानेंगे।
कमलनाथ का 17 नवंबर यानि मतदान के बाद बहुत ज्यादा सक्रिय ना होना, दिग्विजय सिंह का अपने गुट के नेताओं के बीच लगातार सक्रिय होना और कांग्रेस के अन्य गुट के नेताओं की रहस्यमयी चुप्पी और सन्नाटे के बीच, ये समीकरण तेज़ी से गति पकड़ रहा है कि क्या वाकई में कमलनाथ ही सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे या फिर कोई और …?
हालांकि बीजेपी की माने तो कांग्रेस को चुनाव बाद सीएम की कुर्सी को लेकर कोई खींचातानी करने की जरुररत ही नही पड़ेगी क्योंकि भाजपा के चाणक्य अमित शाह ने पहले ही विजय की व्यूह रचना तैयार कर ली है। indiafirst.online