
इंडिया फ़र्स्ट । भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन – कोवैक्सीन (Covaxin) को आखिरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंजूरी दे दी है. भारत सरकार और कंपनी पिछले कई महीनों से इस अप्रूवल का इंतजार कर रहे थे.
लंबी जांच-पड़ताल के बाद दी गई मंजूरी
पिछले कुछ हफ्तों से लगातार ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत की इस वैक्सीन को जल्द मंजूरी दे सकता है. लेकिन हर बार इसे आगे बढ़ाया जा रहा था. इसके लिए भारत बायोटेक की तरफ से WHO को सभी दस्तावेज सौंपे गए थे. जिन पर WHO कमेटी लगातार जांच कर रही थी. यहां तक कि पीएम मोदी ने भी जी-20 समिट के दौरान कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की अपील की थी.
WHO की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल कोवेक्सीन के प्रेग्नेंट महिलाओं में इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त डेटा हमें नहीं मिला है. जिससे ये तय किया जाए कि इससे प्रेग्नेंसी में कोई नुकसान नहीं होगा. संगठन की तरफ से कहा गया है कि, WHO की स्ट्रेटिजिक एडवाइजरी ग्रुप के एक्सपर्ट्स ने कोवैक्सीन का रिव्यू किया. जिसके बाद ये तय हुआ कि कोवैक्सीन के दो डोज अगर चार हफ्तों के अंतराल पर लिए जाएं तो ये 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए सुरक्षित है.
लाखों लोगों को मिलेगी राहत
WHO की इस मंजूरी के बाद भारत के उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें विदेश यात्रा के दौरान कड़े कोरोना नियमों का पालन करना पड़ रहा था. क्योंकि बिना WHO अप्रूवल के तमाम देश कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को कोरोना नियमों में कोई छूट नहीं दे रहे हैं. ओमान और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को राहत देते हुए कहा था कि, अब ट्रैवल नियमों में उन्हें छूट दी जाएगी.
लेकिन अब मंजूरी मिलने के बाद कोवैक्सीन की दो डोज लेने वाले यात्रियों को विदेश यात्रा में परेशानियों का सामना नहीं करना होगा. उन्हें क्वारंटीन और बाकी कोरोना नियमों से राहत मिल सकेगी.
कई बार मांगा गया स्पष्टीकरण
बता दें कि सितंबर के महीने में WHO ने भारत बायोटेक को कुछ टेक्नीकल सवाल भेजकर उनका जवाब मांगा था. जिसके बाद कंपनी की तरफ से जवाब दिए गए. लेकिन फिर 18 अक्टूबर WHO की तरफ से कहा गया कि वो भारत बायोटेक से कुछ अतिरिक्त जानकारी का इंतजार कर रहे हैं. वहीं 26 अक्टबूर को WHO ने भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा. भारत बायोटेक की तरफ से सभी जानकारी दिए जाने के बाद अब फैसला लिया गया है. indiafirst.online