
इंडिया फर्स्ट। काठमांडू।
नेपाल में फिर से राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग तेज हो गई है. इसके लिए गुरूवार को राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारी, दोनों ही को हल्की चोटें आईं.
हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि साल 2008 में खत्म की गई राजशाही की वापसी हो और नेपाल का हिंदू राष्ट्र का दर्जा दोबारा से बहाल किया जाए. नेपालभर से राजधानी काठमांडू आए लोगों ने नेपाल को वापस हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की जोरदार मांग की है।
नेपाल में इन दिनों चीन की दखल तेजी से बढ़ी है. नेपाल की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों पर टिकी है. इस बात का चीन ने हमेशा फायदा उठाना चाहा है. जानकारों की मानें तो नेपाल में चीन अपनी मनमर्जी चलाना चाहता है. इसके पीछे चीन की सबसे बड़ी चाहत यह है कि नेपाल और भारत के बीच रिश्ते बिगड़ जाएं. चीन की ही चालबाजियों के कारण नेपाल में हमेशा एक अशांत सरकार रही है. लेकिन अब नेपाल का एक वर्ग चीन को अपने देश से बाहर फेंक देना चाहता है.
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चीन की दखलअंदाजी की वजह से परेशान लोग सड़क पर उतर आए. हालात इस कदर खराब हुए कि नेपाल सरकार को काठमांडू में दंगा-रोधी पुलिस को भेजना पड़ा.
लोगों का आरोप है कि नेपाल सरकार ने हवाई अड्डे और राजमार्ग चीन को बेच दिए हैं
यही कारण है कि लोग नेपाल में एक बार फिर राजशाही चाहते हैं. उनकी मांग है कि नेपाल हिन्दू राष्ट्र बने और देश एक राजा के अधीन हो. बता दें कि नेपाल में हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद 2006 में राजशाही खत्म कर दी गई थी. Indiafirst.online