योगी सरकार में 3300 अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मारी गोली, अब तक 146 मारे गए; अपंग हुए कई क्रिमिनल्स

यूपी में मार्च 2017 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आते ही अपराधियों पर शिकंजा कसना भी तेज हो गया. पिछले साढ़े चार से ज्यादा सालों में यूपी पुलिस ने अब तक 8, 472 मुठभेड़ की हैं. जिनमें करीब 3,302 कथित अपराधियों को गोली मारकर घायल कर दिया. इसकी वजह के कई अपराधी लंगड़े हो गए हैं. वहीं अब तक करीब 146 क्रिमिनल्स की मौत एनकाउंटर में हो चुकी है.
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ों में घायलों की बड़ी संख्या यह बताती है कि अपराधियों को मारना पुलिस का प्राथमिक मकसद नहीं है. पुलिस का पहला उद्देश्य अपराधी को गिरफ्तार करना है उसे मारना नहीं.

अपराधियों को मारना मकसद नहीं’

प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. ड्यूटी पर रहते हुए, अगर कोई अपराधी पुलिस पर गोली चलाता है तो उस पर जवाबी कार्रवाई की जाती है. यह शक्ति पुलिस को कानून से मिली है. इस दौरान चोटें भी लग सकती हैं और मौतें भी हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं में बहुत से पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं और बहुत से पुलिसकर्मियों को चोटें भी लगी हैं.
गाजियाबाद: 12 अगस्त को डकैती और 50,000 रुपये के इनामी बदमाश अफशारुन को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था. एनकाउंटर के समय पुलि, ने उसके पैर में गोली मार दी थी.
बहराइच: 8 अगस्त को मुठभेड़ में 50,000 रुपये के इनामी वांछित मनीराम के पैर में पुलिस से गोली मार दी थी. वह डकैती के 35 से अधिक मामलों में आरोपी है. पुलिस का कहना है कि उसने कथित तौर पर पहले पुलिस टीम पर गोली चलाई थी. जिसके बाद उस पर जवाबी कार्रवाई की गई.
गौतम बौद्ध नगर: 4 अगस्त को पुलिस मुठभेड़ में हत्या के आरोपी सचिन चौहान के पैर में गोली लगी थी. अधिकारियों का कहना है कि चौहान ने बदमाश को पकड़ने वाली नोएडा पुलिस की एक टीम पर उसने गोलियां चलाईं थीं.
बहराइच : 22 जून को पुलिस मुठभेड़ के दौरान बलात्कार के आरोपी परशुराम के पैर में गोली लगी थी. पुलिस ने बताया कि आरोपी के पुलिस हिरासत से भागने के बाद मुठभेड़ हुई और उसके पैर में गोली मार दी गई.
बता दें कि आधिकारिक तौर पर तो नहीं लेकिन निजी तौर पर यूपी के कुछ सीनियर अधिकारियों के इस मिशन का नाम ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ रखा है.

3,302 कथित अपराधियों को लगी गोली

मार्च 2017 के बाद बीजेपी के सत्ता में आने के बाद यूपी पुलिस ने 8,472 मुठभेड़ें कीं, जिसनें करीब 3,302 कथित अपराधियों को गोली मार कर घायल किया गया. जिससे कई के पैरों में गोलियां लगने से अपराधी लंगड़े हो गए. पुलिस निजी तैर पर इसे ऑपरेशन लंगड़ा कहती है. हालांकि यह ऑपरेशन का आधिकारिक नाम नहीं है. मुठभेड़ों में अपराधियों को अपंग करना यूपी पुलिस की खास रणनीति है.
हालांकि पुलिस के पास मुठभेड़ों में लंगड़े हुए अपराधियों की कोई सूची मौजूद नहीं है. साथ ही ये भी कहा गया है कि इन मुठभेड़ों में करीब 13 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं और 1,157 घायल हो गए. पुलिस की हिम्मत की वजह से ही अब तक 18,225 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

योगी सरकार में हुए 2,839 एनकाउंटर

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिमी यूपी के मेरठ इलाके में योगी सरकार में 2,839 एनकाउंटर हुए. वहीं 5,288 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. मुठभेड़ में 61 अपराधियों की मौत और 1,547 घायलों हो चुके हैं. आगरा में, 1,884 मुठभेड़ों में 4,878 गिरफ्तारियों के साथ ही 18 अपराधियों की मौत हो चुकी है. वहीं 218 लोगों के घायल होने की खबर है. मुठभेड़ के मामले में बरेली तीसरे नंबर पर है. बरेली क्षेत्र है 1,173 मुठभेडों के बाद 2,642 गिरफ्तारियां और सात मौतें हो चुकी हैं. वहीं 299 लोग घायल हुए हैं.

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