पंजशीर में पस्त हुआ NRF का हौसला! कई कमांडरों की मौत, घर पर बमबारी के बाद दूसरी जगह शिफ्ट हुए सालेह

अफगानिस्तान के एकमात्र मुक्त प्रांत पंजशीर पर कब्जे के लिए तालिबान और नेशनल रेसिस्टेंस फोर्स के बीच जंग जारी है. इस बीच तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर में अपना अभियान लगभग पूरा कर लिया है. फिलहाल एक जिला और पंजशीर की राजधानी ही उसके कंट्रोल से बाहर है. तालिबान ने पंजशीर के कुछ प्रमुख कमांडर्स को मारने का दावा भी किया है. इस बीच अफगानिस्तान के स्वघोषित राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के घर पर भी हेलिकॉप्टर से हमला हुआ है. हालांकि, इस हमले में सालेह बाल-बाल बच गए और किसी अज्ञात जगह पर शिफ्ट में हो गए हैं.
रविवार को लड़ाई में पंजशीर के कई शीर्ष कमांडर मारे गए हैं. इनमें सबसे प्रमुख फहीम दश्ती हैं. पत्रकार रह चुके फहीम पंजशीर के प्रवक्ता भी थे. उनके अलावा मसूद परिवार से जुड़े कमांडर भी मारे गए हैं. इनमें गुल हैदर खान, मुनीब अमीरी और जनरल वूदाद शामिल हैं.
फहीम दश्ती रेसिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता और जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य थे. इसके अलावा वो फेडरेशन ऑफ अफगान जर्नलिस्ट्स के सदस्य भी थे. इन दिनों वह दुनिया के साथ NRF का पक्ष रख रहे थे.
बताया जा रहा है कि तालिबान इस समय मजबूत स्थिति में है. तालिबानी लड़ाके पंजशीर में ताकत के दम पर कब्जा चाहते हैं. तालिबान का दावा है कि उनके लड़ाके पंजशीर गवर्नर के दफ्तर में दाखिल हो गए हैं. इसके बाद काबुल में जश्न में हवाई फायरिंग हुई. तालिबान को सपोर्ट करने वाले कई फेसबुक अकाउंट पंजशीर के पतन के उल्लेखों से भरे हुए हैं.
पंजशीर घाटी में बीते कुछ दिनों से गोलाबारी और बम से हमले की खबर आ रही थी. एनआरएफ भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही थी. बताया जा रहा है कि इस लड़ाई में 40 से ज्यादा तालिबानी मारे गए हैं, जबकि 19 तालिबानियों को पंजशीर की सेना (नॉर्दर्न अलायंस) ने गिरफ्तार कर लिया है.
इस बीच पंजशीर में एनआरएफ को कमजोर करने के लिए तालिबान ने सभी प्रमुख आपूर्ति रोक दी है और सड़कों को बंद कर दिया है. अफगान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र को पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि पंजशीर में तालिबान ने जरूरी सामानों की सप्लाई रोक दी है, जिससे अमानवीय संकट पैदा हो गया है. आगे कहा गया है कि अगर UN ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया तो पंजशीर में मानवीय तबाही हो जाएगी. पंजशीर में तालिबान के हाथों नरसंहार का खतरा जताया गया है.

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