
इंडिया फर्स्ट ब्यूरो। देश के मशहूर शायर मुनव्वर राना की तबीयत अचानक खराब हो गई है. उन्हें लखनऊ स्थित पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुरुवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. महर्षि वाल्मीकि पर विवादित बयान देने को लेकर उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराया गया था |बता दें कि मुनव्वर राना ने कहा था कि पांच साल में तो हम बच गए, मगर अगले पांच साल में योगी आ गए तो हम जिंदा नहीं बचेंगे. मरना तो वैसे ही है, लेकिन बेमौत नहीं मरना चाहता. बीजेपी के नेता पलायन करने वाले को पश्चिम यूपी में तलाश रहे है, मगर मैं यहां बैठा हूं पलायन करने के लिए, मुझसे कोई नहीं मिल रहा. मैं इसी देश में मरूंगा, वो लोग और थे जो करांची चले गए. उन्होंने भाजपा की जीत पर यूपी छोड़ने की घोषणा की थी.
महर्षि वाल्मीकि पर बयान देकर फंसे मुनव्वर राना
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आते ही मुनव्वर नाना ने कुछ ऐसा कहा था, जिसके बाद देशभर में उनकी आलोचना शुरू हो गई थी. मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी उनके खिलाफ अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी थी.ससी/एसटी एक्ट के अलावा 153-ए, 501 (1)-बी और 295-ए के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था.
किस बयान पर घिरे थे मुनव्वर राना?
मुनव्वर राना ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे पर कहा था कि तालिबानी उतने ही आतंकी हैं, जितने रामायण लिखने वाले वाल्मीकि हैं.अगर वाल्मीकि रामायण लिखते हैं तो वे देवता हो जाते हैं, उससे पहले वह डाकू थे.आदमी का किरदार बदलता रहता है. शायर के इस बयान पर देशभर में लोगों ने आक्रोश जाहिर किया था और तालिबान के समर्थन वाले बयानों पर उन्हें घेरा था.indiafirst.online