भोपाल में 1 हजार से ज्यादा शिक्षकों को पुलिस ने रोका

इंडिया फर्स्ट। भोपाल

भोपाल में करीब 7 साल बाद हो रहा शिक्षकों के बड़े आंदोलन को पुलिस ने सूखी सेवनिया इलाके में रोक दिया। आंदोलन में शामिल करीब 1 हजार से ज्यादा शिक्षक सीएम हाउस का घेराव करने की तैयारी में थे। इसी बीच, आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल को नजरबंद कर दिया गया है। शिक्षक नेता उपेंद्र कौशल ने कहा कि शासन द्वारा धरना प्रदर्शन के लिए शहर में अनुमति नहीं देना प्रजातंत्र में सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाता है।

सड़क पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक पुरानी पेंशन योजना को दोबारा शुरू करने के नारे लगाते नजर आए। शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। करीब 7 साल पहले साल 2015 में संगठन ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक लालघाटी तक पहुंच गए थे, जिससे ट्रैफिक जाम के हालात बने थे।प्रदर्शन के लिए भोपाल के अलावा महाकौशल, बुंदेलखंड, मालवा, निमाड़, ग्वालियर और बघेलखंड से शिक्षकों के भोपाल पहुंचे, लेकिन भरत पटेल रैली में कहीं भी नजर आए। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया गया है, ताकि कोई भी शिक्षक किसी तरह से शहर के अंदर न सके। सूत्रों की माने तो इस प्रदर्शन में भोपाल से कोई भी शिक्षक शामिल नहीं हैंसंगठन ने भोपाल के यादगारे शाहजहानी पार्क, भेल दशहरा मैदान और जंबूरी मैदान में धरने की अनुमति मांगी है, लेकिन शासन ने अब तक अनुमति नहीं दी है। मंगलवार सुबह तक भी अनुमति नहीं मिली। इस कारण्स खी सेवनिया के पास चौपड़ाकलां स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से तिरंगा लेकर रैली निकाली।

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