अमेरिकी इतिहास में पहली बार श्वेतों की आबादी घटी, सरकार ने जनगणना ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट जारी की

अमेरिका की श्वेत आबादी में पहली बार गिरावट आई है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक 2010 के बाद से देश में श्वेत आबादी में 8.6% की गिरावट आई है। अब गोरे (गैर हिस्पैनिक या लैटिन) अमेरिका की आबादी का 58% हिस्सा हैं। यह पहली बार है, जब गैर-हिस्पैनिक श्वेत आबादी 60% से नीचे गिर गई है।
एक दशक में अल्पसंख्यक समूहों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हिस्पैनिक या लैटिनी आबादी 23% बढ़ी है। अन्य अश्वेतों की आबादी 5.6% बढ़ी है। वहीं अमेरिका में एशियाई लोगों की आबादी में भी 35% की बढ़ोतरी हुई है। जनगणना ब्यूरो के अधिकारी निकोलस जोंस ने कहा कि अमेरिका की आबादी पहले की तुलना में बहुत अधिक बहुजातीय और नस्लीय वाली हो गई है।
इस मामले में सबसे ज्यादा विविधता वाले राज्य हवाई, कैलिफोर्निया, नेवाडा, टेक्सास, मैरीलैंड, वॉशिंगटन डीसी, न्यूजर्सी और न्यूयॉर्क हैं। टेक्सास में श्वेत और हिस्पैनिक आबादी करीब-करीब बराबर है। यहां श्वेत 39.7% और हिस्पैनिक 39.3% हैं। पिछले दशक में अमेरिका की आबादी में 7.4% बढ़ी है। यह अमेरिकी इतिहास में दूसरी सबसे धीमी बढोतरी है। इससे पहले 2000 और 2010 के बीच 9.7% आबादी बढ़ी थी।

आंकड़ों से श्वेत-अश्वेत का राजनीतिक नक्शा बदलेगा
अमेरिका में जनगणना के नए आंकड़े देश में राजनीतिका का नया नक्शा भी खीचेंगे। इनका असर संसद की प्रतिनिध सभा के सदस्यों के चुनाव पर भी पड़ सकता है। देश में डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है। अश्वेत इस पार्टी का वोट बैंक माने जाते हैं। जबकि रिपब्लिकन पार्टी पहले से श्वेतों की आबादी घटने की आशंका जताती रही है।

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