विजयादशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा, बोले-विभाजन की टीस अब तक नहीं गई

इंडिया फर्स्ट ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज (शुक्रवार) अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है. हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी.

नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही आरएसएस की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाने लगता है. विजयादशमी के दिन नागपुर में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत उपस्थित रहे. मोहन भागवत ने पहले शस्त्र पूजन किया. इसके बाद मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया.

क्या बोले मोहन भागवत 

अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है. 15अगस्त 1947 को हम स्वाधीन हुए. हमने अपने देश के सूत्र देश को आगे चलाने के लिए स्वयं के हाथों में लिए. स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा का वह प्रारंभ बिंदु था. हमें यह स्वाधीनता रातों रात नहीं मिली. स्वतंत्र भारत का चित्र कैसा हो इसकी, भारत की परंपरा के अनुसार समान सी कल्पनाएँ मन में लेकर, देश के सभी क्षेत्रों से सभी जातिवर्गों से निकले वीरों ने तपस्या त्याग और बलिदान के हिमालय खड़े किये.

मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि विभाजन की टीस अबतक नहीं गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ियों को इतिहास के बारे में बताया जाना चाहिए जिससे की आने वाली पीढ़ी भी अपने आगे की पीढ़ी को इस बारे में बताए. उन्होंने कहा कि समाज की आत्मीयता व समता आधारित रचना चाहने वाले सभी को प्रयास करने पड़ेंगे. सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं.indiafirst.online

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