
इंडिया फर्स्ट। भोपाल।
महाराष्ट्र की सत्ता में रविवार को बड़ी उठापटक हुई। एनसीपी के नेता अजित पवार ने छगन भुजबल सहित करीब 30 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया है। इस उठा-पटक को लेकर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। सीएम शिवराज ने इसे कर्मों का फल बताया है।
भोपाल में मीडिया से चर्चा में सीएम शिवराज ने कहा, ‘यह कर्मों का परिणाम है। जैसी करनी – वैसी भरनी। अब महाराष्ट्र में विपक्ष लगभग समाप्त है। शिवसेना भी गई, एनसीपी भी गई। देश तो मोदी जी के पीछे खड़ा है। बाकी जगह भी देखिए क्या होता है।’
विपक्षी दलों की एकजुटता पर सीएम शिवराज ने कहा, ‘यह जो गठबंधन है, यह ठगबंधन है। अलग-अलग भ्रष्टाचार करने वाले, बेईमानी करने वाले, समान स्वार्थों के कारण कहीं इकट्ठे हो रहे हैं। कहीं मारे ना जाएं। पकड़े न जाएं। इसलिए ये सब इकट्ठे हो रहे हैं। जब ऐसा गठबंधन बनता है तो वह बेमेल होता है। वैचारिक नहीं होता। इसमें जो अच्छे लोग होते हैं, वे बेचैन हो जाते हैं। ऐसे गठबंधन को देखकर कई लोग ऐसे हैं जो राष्ट्रीय हित में फैसला करते हैं।’
अजित पवार के गुट ने यह दावा किया कि उनके साथ 30 विधायक शामिल हैं। इन दावों के मुताबिक अजित पवार के साथ आने वाले विधायकों की संख्या काफी ज्यादा है, वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। अजित पवार के साथ जाने वाले विधायकों में शेखर निकम, प्रकाश सोलखे, दीपक चव्हाण, संग्राम जगताप, चेतन तुपे, अण्णा बनसोडे, सुनील शेलके, दिलीप मोहिते, दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, नितीन पवार, चंद्रकांत नवघरे, राजेंद्र कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, राजेश नरसिंग पाटील, इंद्रनील नाईक, छगन भुजबल, नरहरी झिरवळ,सरोज अहिर, अदिती तटकरे, अतुल बेनके, दिलीप वळसे पाटील, संजय बनसोडे, अनिल पाटील, हसन मुश्रीफ धर्मराव आत्राम और धनंजय मुंडे जैसे नेता शामिल हैं।
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