प्रथम ‘परमवीर चक्र’ विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की बहादुरी की दास्तां

इंडिया फर्स्ट। अब तक सेना का सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र 21 जवानों को दिया जा चुका है। इसमें से 14 योद्धाओं को मरणोपरांत जबकि 7 को उनके जीवनकाल में यह अलंकार प्राप्त हुआ। भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी, 1923 को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के दध में हुआ था। इनके पिता अमरनाथ शर्मा खुद सेना के एक अफसर थे। नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में शिक्षा ली। इनके परिवार के कई सदस्यों ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं। इनके छोटे भाई विश्वनाथ शर्मा भारतीय सेना के 15वें सेनाध्यक्ष रहे।

22 फरवरी, 1942 को रॉयल मिलिट्री कॉलेज से स्नातक होने पर सोमनाथ की नियुक्ति ब्रिटिश भारतीय सेना की 19वीं हैदराबाद रैजीमैंट की 8वीं बटालियन में हुई (जो बाद में भारतीय सेना के चौथी बटालियन, कुमाऊं रैजीमैंट के नाम से जानी जाने लगी)। इन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अराकन अभियान में जापानी सेनाओं के विरुद्ध युद्ध किया। अराकन अभियान में इनके योगदान के कारण इन्हें मेन्शंड इन डिस्पैचेस में स्थान मिला।

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