
इंडिया फर्स्ट। उज्जैन
महाअष्टमी के मौके पर सोमवार को उज्जैन में कलेक्टर आशीष सिंह ने महालया और महामाया देवी को शराब का नैवेद्य चढ़ाया । पूजा के बाद कलेक्टर ने शराब की हांडी लेकर शहर में शराब की धार चढ़ाने की शुरुआत की। दुर्गाष्टमी पर शहर के 27 किलोमीटर में शराब की धार लगाई जाती है। इस दौरान शराब की धार नहीं टूटती है। ये उज्जैन नगर की पारंपरिक रूप से शासकीय नगर पूजा होती है ।
राजा विक्रमादित्य करते थे देवी और भैरव पूजन
नगर पूजा करने का इतिहास हजार साल पुराना है। माना जाता है कि उज्जैयिनी के राजा सम्राट विक्रमादित्य माता महालाया और महामाया और भैरव का पूजन करते इस मान्यता से करते थे की नगर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे। किसी बीमारी या प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा हो सके । इसी वजह से नवरात्रि पर्व की महाअष्टमी पर पूजन कर माता और भैरव को भोग लगाया जाता है, जिससे माता और भैरव प्रसन्न होकर नगर की रक्षा करें। मदिरा का भोग लगाने के बाद पूरे नगर में मदिरा की धार इसलिए भी लगाई जाती है कि अतृप्त आत्माएं भी तृप्त होकर नगर की रक्षा करें।
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