
क्या मप्र में शिवराज को खुला चैलेंज ?
एमपी में एंग्री उमा भारती रिटर्न ?
इंडिया फ़र्स्ट । भोपाल ।उप्र सहित पाँच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा संगठन की नज़रें अब मप्र जैसे बड़े राज्य पर आ टिकी है जहां अगले साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव होने है । इन चुनावों को लेकर भाजपा संगठन किस कदर गंभीर है इसका अंदाज़ा 13 मार्च को उस वक्त चल गया जब मप्र के मौजूदा संगठन मंत्री सुहास भगत की जगह हितानंद शर्मा को ये ज़िम्मेदारी सौंप दी गई । इसी के साथ, प्रदेश के सियासी गलियारों में इस चर्चा ने फिर ज़ोर पकड़ लिया की, क्या साल 2023 का चुनाव, भाजपा शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद चेहरे पर लड़ेगी या फिर कोई नया चेहरा इस चुनौती के लिये उतारा जाता है । अभी ये चर्चा परवान चढ़ ही रही थी कि, अचानक सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने पूरी भाजपा को सकते में डाल दिया । दरअसल, पिछले लंबे समय से मप्र में शराब बंदी की माँग करने वाली और फिर बार बार शराब बंदी अभियान को टालने वाली उमा भारती रविवार ( 13 मार्च ) को अपने रौद्र अवतार में नज़र आई । उमा भारती ने भोपाल के बीएचईएल इलाक़े की एक शराब की दुकान में पहुँचकर, पत्थर उठाकर दुकान के भीतर रखी शराब की बोतल फोड़ दी । उमा भारती के इस आक्रामक तेवरों का वीडियो भी तेज़ी से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया ।उमा भारती के इस कदम का अंदाज़ा मप्र भाजपा और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी शायद नहीं होगा । पार्टी ने तो उनके इस कदम को व्यक्तिगत बताते हुए, पल्ला तक झाड़ लिया । वहीं कांग्रेस को बैठे बिठाये शिवराज सरकार को घेरने का मौक़ा मिल गया जिसका उन्होंने बयान जारी कर सियासी नफ़ा उठाने की पारंपरिक कोशिश भी की ।
लेकिन बड़ा सवाल ये कि आख़िर उमा भारती ने ये कदम क्यों उठाया । ऐसा इसलिये भी की 11 मार्च को ही भोपाल में उमा भारती ने अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी । इस दौरान उन्होंने सीएम शिवराज की जमकर प्रशंसा भी की थी । उन्होंने ये भी कहा था कि शराब बंदी को लेकर वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लगातार चर्चा में है । फिर महज़ 48 घंटों में ऐसा क्या हुआ कि एक पूर्व सीएम को अपनी ही सरकार में शराब की दुकान पर पहुँचकर पत्थर मारना पड़ रहा है ? क्या ये उनकी सियासी खीझ है जो कि बार बार शराब बंदी के ऐलान के बाद पीछे हटने के चलते और अपने समर्थकों की मायूसी को देखकर यूँ निकली है ? या फिर इसके पीछे कोई और बड़ा राजनीतिक समीकरण है ।

जानकारों की मानें तो उमा भारती मप्र की राजनीति में सक्रिय होने के लिये छटपटा रही है । माना जाता है कि सीएम शिवराज को उमा भारती का समर्थन प्राप्त है । लेकिन अगर मप्र में भाजपा नेतृत्व परिवर्तन करती है तो उमा भारती अपनी दांवेदारी जताने से नहीं चूकना चाहती । तो क्या ये समझा जाये कि भाजपा में मप्र को लेकर कोई बड़ा फ़ैसला किया जा सकता है ? ऐसे समय में जब मप्र में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा हो, उमा भारती का ये कदम तो शिवराज सरकार की मुश्किलें ही बढ़ायेगा । तो क्या दीदी और भाई का ये
स्नेह बंधन अब सियासी समीकरणों के सामने कमजोर पड़ने लगा है ? वैसे उमा भारती द्वारा तैश में आक्रामक कदम उठाना और फिर कुछ समय बाद उससे पीछे हटना या डाल्युट करने के भी कई उदाहरण है । ऐसे में बड़ा सवाल ये कि उमा भारती का ये कदम किसी बड़ी सियासी कैलकुलेशन के तहत लिया गया है या फिर अपने समर्थकों के बीच अपनी छवि को बरकरार रखने के लिये या भाजपा संगठन को ये बताने के लिये की मप्र में वो अब सक्रिय राजनीति करने के लिये तैयार ही नहीं बल्कि वो अब इसकी शुरुआत कर चुकी है । indiafirst.online