
इंडिया फर्स्ट न्यूज़।
चीन के लड़ाकू विमान ने साउथ चाइना सी के ऊपर इंटरनेशनल एयरस्पेस में उड़ रहे अमेरिकी जासूसी विमान को रोक दिया। अमेरिका ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। सैन्य कमांडर ने बताया कि चीन के J-16 प्लेन ने 26 मई को अमेरिकी विमान के कॉकपिट के ठीक सामने उड़ान भरी। इसकी वजह से US RC-135 स्पाई प्लेन में टर्बुलेंस आ गया।
चीन की तरफ से फिलहाल इस पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है। हालांकि, अमेरिका में मौजूद चीनी ऐंबैसी के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा- अमेरिका कई बार चीन की निगरानी के लिए अपने विमान और जहाज तैनात करता रहता है। ये चीन की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। अमेरिका को ये हरकतें रोकते हुए चीन पर दोष डालना बंद करना होगा।
अमेरिका बोला- इंटरनेशनल एयरस्पेस में उड़ान जारी रखेंगे
पेंग्यू ने कहा है कि चीन अपनी रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता रहेगा। चीन क्षेत्र में मौजूद दूसरे देशों के साथ मिलकर साउथ चाइना सी में शान्ति स्थापित करने के लिए काम करेगा। वहीं पेंटागन ने कहा कि इंटरनेशनल लॉ जहां कहीं भी उड़ान की इजाजत देगा, हम वहां सुरक्षित और पूरी जिम्मेदारी से उड़ान भरेंगे और अपनी तरफ से संचालन जारी रखेंगे। अमेरिका के एयरफोर्स ने इस घटना का एक वीडियो भी जारी किया है।
अमेरिका से बात नहीं कर रहा चीन
इससे पहले सोमवार को पेंटागन ने बताया था कि चीन की सरकार ने अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन के मुलाकात के न्योते को ठुकरा दिया है। अमेरिका ने चीन के डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफु को इस हफ्ते सिंगापुर में मुलाकात करने के लिए बुलाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन फरवरी में जासूसी गुब्बारे पर हुए विवाद के बाद से ही अमेरिका से बात नहीं कर रहा है।वो अमेरिका की तरफ से फोन कॉल, मीटि्ंग्स और डायलॉग की रिक्वेस्ट का भी कोई जवाब नहीं दे रहा है। इस पर पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा था कि चीन के मिलिट्री डायलॉग में हिस्सा नहीं लेने के बावजूद हमारी चीनी सेना से बातचीत करने की कोशिश जारी रहेगी।
जासूसी गुब्बारे ने दोनों देशों के रिश्ते बिगाड़े
फरवरी में अमेरिका ने चीन पर स्पाई बैलून के जरिए उनकी जासूसी करने के आरोप लगाए थे। तब से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी हुई है। अमेरिका ने 5 फरवरी को चीनी बैलून को मार गिराया था और इसका मलबा भी चीन को लौटाने से इनकार कर दिया था।इसके बाद चीन भड़क गया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था- किसी भी बैलून का दूसरे देश में घुस जाना नॉर्मल बात है। 2022 से अब तक 10 अमेरिकी गुब्बारे चीन में घुस चुके हैं। जासूसी गुब्बारे के चलते अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपना चीन का दौरा रद्द कर दिया था। तब से दोनों देशों के बीच कभी ताइवान तो कभी यूक्रेन को लेकर बयानबाजी हो रही है। अभी तक विवाद शांत करने को लेकर कोई हल नहीं निकाला गया है।indiafirst.online