
इंडिया फ़र्स्ट ब्यूरो । वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, पहले यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के अंतिम रविवार को इसे मनाया जाए, लेकिन साल 2014 में इस खास दिन को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निश्चित कर दिया गया.
आज यानी 29 सितंबर के दिन पूरी दुनिया वर्ल्ड हार्ट डे मना रही है. इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरूक करना है. भारत की बात करें तो यहां हर चार में से एक मौत कार्डियोवस्कुलर डिजीज (CDC) की वजह से होती है. हालांकि दिल की बीमारी के समस्या से सिर्फ हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जूझ रही है. इसलिए, आपके दिल के स्वास्थ्य को इनटैक्ट रखने की गंभीरता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक खास दिन को समर्पित किया गया है, और ये है “विश्व हृदय दिवस”.
इस विशेष दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 2000 में हुई थी. वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, पहले यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के अंतिम रविवार को इसे मनाया जाए, लेकिन साल 2014 में इस खास दिन को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निश्चित कर दिया गया.
इसके अलावा आज के दिन ही साल 1954 में यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन यानी ‘CERN’ की स्थापना हुई थी. दरअसल CERN की शुरुआत 1950 के दशक में यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च के रूप में हुई थी. आज इसे कण भौतिकी (particle physics) के लिए यूरोपीय प्रयोगशाला के रूप में भी जाना जाता है. यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शोध केंद्रों में से एक है. इस रिसर्च सेंटर का काम यह पता लगाना है कि हमारा ब्रह्मांड क्या काम करता है, यह कहाँ से आया है और कहाँ जा रहा है. CERN में, दुनिया की कुछ सबसे बड़ी और सबसे जटिल मशीनों का उपयोग प्रकृति के सबसे नन्हे बिल्डिंग ब्लॉक्स, मौलिक कणों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है. वहीं भारत कुछ साल पहले ही इसका हिस्सा बना है.
इस महाप्रयोग में कोलाइडर से प्रोटॉन और लेड आयन के कण लाइट की स्पीड से टकराए तो प्राथमिक कण (god particle) पैदा हुआ था. वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा ब्रह्मांड बिग बैंग के बाद इन्हीं कणों से बना है.