भोपाल नगर निगम जिसका जिम्मा है शहर को साफ सुधरा रखना और यहां की आवाम के लिए ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें जुटाना…लेकिन लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के नाम पर किस कदर पैसों की बंदरबाट और घपले घोटाले किए जाते है ये बात भी किसी से छिपी नहीं है…BMC के कारनामों में एक और अध्याय जुड़ गया है वो है भोपाल प्लस एप जो करोड़ों रुपये खर्च करके बनाया गया है लेकिन इस एप के ऐब सामने आने लगे है और सवालिया निशान लग रहा है इसकी उपयोगिता पर…
सात नवंबर 2016 को भोपाल नगर निगम ने ज़ोर शोर से भोपाल प्लस नाम के एप को लांच किया। दावा किया गया, कि इस एप से निगम की सारी सुविधाओं और सेवाओं का लाभ, जनता अपने मोबाईल पर ही ले सकेगी। लेकिन एक साल के भीतर ही , ये करोड़ो का एप टाय टाय फिस्स हो गया।
शहर की लाखो की जनता में से चंद हज़ार ने ही इस एप को अब तक डाउनलोड किया है। इंडिया फर्स्ट ने इसकी वजह की पड़ताल की, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इन कमियों ने, हमें ये साफ कर दिया कि आख़िर क्यों इस बेहद सामान्य से एप के लिए, करोड़ो रुपए खर्च किये गये। और क्यों अब नगर निगम भोपाल, इस एप के प्रचार से परहेज़ कर रहा है।
आम जनता भी इस एप को पूरी तरह नकार चुकी है।
विपक्षी कांग्रेस भी इसे करोड़ो रुपए का भ्रष्टाचार बता रही है ।
वही सत्तारुढ़ भाजपा के पास भी, इस एप के बचाव के लिए कोई ठोस तर्क मौजूद नही है।
आईटी एक्सपर्ट्स की माने तो ये एप महज़ दो से तीन लाख रुपए में तैयार किया जा सकता है। ऐसे में नगर निगम भोपाल द्वारा इस एप के लिये करोड़ो का पेमेंट करना, भ्रष्टाचार और एक बड़े घोटाले की ओर साफ इशारा कर रहा है। बड़ा सवाल ये कि आख़िर इस घोटाले की जांच करेगा कौन…क्योकि यहां तो खुद जिम्मेदारों पर ही उंगलिया उठ रही है। भ्रष्टाचार को बेनकाब करती, हमारी ख़बरो को देखने के लिये, log on करें, इंडिया फर्स्ट.online