
इंडिया फर्स्ट न्यूज़।
26 मई 2023 की रात 10 बजे। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और MP ATS की टीम ने जबलपुर के घंटाघर इलाके को सील कर दिया। बैक-टू-बैक छापेमारी हुई। रात भर कार्रवाई चली। 13 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। उनके घरों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेनड्राइव, धर्म संबंधी किताबें, पोस्टर्स समेत कई सामान जब्त किए। दूसरे दिन NIA की टीम ने 13 में से 10 लोगों को उनका सामान देकर वापस छोड़ दिया। इनमें से 3 लोगों को ISIS के साथ कनेक्शन का आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया।
ये तीन आरोपी हैं- सैयद मामुर अली (29), मोहम्मद आदिल खान (20) और मोहम्मद शाहिद (19)। NIA के मुताबिक ये तीनों सोशल मीडिया के जरिए हिंदू धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे थे। ये लोग 2050 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मॉड्यूल पर भी काम कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनको ISIS की तरफ से फंडिंग की जा रही थी। छापेमारी में इनके पास से धारदार हथियार, धार्मिक उन्माद फैलाने वाले वीडियो भी मिले हैं। इनके मोबाइल फोन से हिंदू लड़कियों की फोटो भी मिली हैं, जो इनके टारगेट पर थीं।
सिविल लाइन इलाके में पहुंची। तीनों आरोपियों के घर ढूंढ कर परिजनों से बातचीत की। आरोपियों के कमरों को भी देखा। पड़ताल में ‘फिसाबिलिल्लाह’ ग्रुप से लेकर DAWAH मॉड्यूल से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारियां सामने आईं। आइए, एक-एक कर आरोपियों के परिजनों की बातों पर चलते हैं…।
मामुर के घर पहुंच कर उसके भाई और मां से हमने बात की। घर में परिवार के लोग मौजूद थे। दरअसल, मामुर के दादा जबलपुर के बड़े कबाड़ी हैं। आस-पास के लोगों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता उनके घर पर खाना खा चुके हैं। उनके 6 बेटे है। सभी का परिवार एक साथ तीन मंजिला मकान में रहता है। पूरा घर CCTV से लैस है।
NIA के लोग आए। घर का पूरा सामान अस्त-व्यस्त कर दिया। हथियार के नाम पर घर से लोहे की कील तक नहीं मिली। वो हमसे पूछ रहे थे कि मामुर कहां है? हमने उनसे कहा कि मामुर शाम को नमाज पढ़ने गया था। रात 9 बजे तक घर आ जाता है। आज पता नहीं, अब तक क्यों नहीं आया। हमें बाद में पता चला NIA की टीम उसे मस्जिद से लौटते वक्त ही हिरासत में ले चुकी थी।”
नमाज पढ़ने मस्जिद जाता था। सीधा घर वापस आ जाता था। डेढ़ साल का था, तब सिर के बल गिरने से उसके ब्रेन की नस डैमेज हो गई थी। तब से वो डिसएबल है। उसके पैर ठीक से काम नहीं करते। वो ठीक से चल भी नहीं पाता। उंगलियों के बल लड़खड़ाते हुए चलता है। वो ज्यादा लोगों से मिलता भी नहीं था। फिर वो इतना बड़ा अपराध कैसे कर सकता है? NIA की टीम को उसके कमरे से कुछ पर्चे ,पोस्टर्स, इंडियन मुस्लिम किताब, हमारे धर्म की बेसिक किताबें मिली हैं। कुछ किताबों के साथ मोबाइल फोन और इलेक्ट्राॅनिक डिवाइसेस साथ ले गए हैं। ये पर्चे मस्जिद में बांटे जाते थे। शाहिद के पिता ने कहा- NIA की टीम ने बेटे को मस्जिद से लौटते वक्त ही गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद टीम घर आई। हमसे पूछा शाहिद कहां है? हम भी उसके घर ना आने को लेकर परेशान थे। फिर वो लोग शाहिद के कमरे में गए। पूरा सामान यहां वहां फेंका। उसका फोन लैपटॉप जब्त किया और चले गए। इसके बाद जब हम छठी बटालियन उससे मिलने के लिए पहुंचे, तो वो रो रहा था। कह रहा था, पापा बचा लो।