
इंडिया फर्स्ट। भोपाल।
मप्र कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने X ( ट्वीटर ) पर लंबा चौड़ा लेख लिखा है। पढ़िये भाजपा की मोदी के चेहरे पर चुनावी संभावनाओं पर चुनाव पर कांग्रेस में किस तरह की प्रतिक्रियी दी है।
पढ़िये मप्र कांग्रेस मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा का बयान
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम में नवंबर माह में चुनाव होने हैं जिसकी आचार संहिता अक्टूबर प्रथम सप्ताह में लागू होने की संभावना है । इन राज्यों में तेलंगाना एवं मिजोरम में भाजपा की कोई खास उपस्थिति नही है ।
राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट सकारात्मक नहीं है । भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े सूत्रों के अनुसार जहां छत्तीसगढ़ में भाजपा मुकाबला की स्थिति में भी नहीं है, वही आंतरिक रिपोर्ट अनुसार मध्य प्रदेश में भी सत्ता से बाहर बताई जा रही है । राजस्थान में भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है जिसमें शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा राजे को बाहर देखना चाहता है परंतु बिना वसुंधरा के भाजपा चुनाव प्रचार शुरू नहीं कर पा रही है ।
तीनों ही हिंदी भाषी राज्य जहां भाजपा मजबूत मानी जाती रही है उनमें भाजपा मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नही कर रही है । मध्य प्रदेश में 20 वर्षों के बाद भाजपा बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव में उतरने जा रही है । ऐसी स्थिति में सभी राज्यों में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही चुनाव जीतने के लिए चेहरा बना रही है ।
सूत्रों के अनुसार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यह मंथन किया है की ऐसी स्थिति में तीनों राज्यों में ही हार का खतरा प्रबल है । ऐसी स्थिति में भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए पृथक से तैयारी न करने के स्थान पर लोकसभा चुनाव के साथ प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही राज्य का चुनाव भी लड़ने की रणनीति बनाती दिख रही है । अटकलें हैं कि इस माह संसद का विशेष सत्र भी इसी मुद्दे के लिए बुलाया जा रहा है ।
यदि तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होते हैं और भाजपा की रिपोर्ट अनुसार कांग्रेस को बढ़त मिलती है तो ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के समक्ष बहुमत का खतरा खड़ा हो जाएगा । यह देखते हुए भाजपा को रिस्क नहीं लेना चाहती है, जिसकी काट भाजपा वन नेशन वन इलेक्शन के रूप में देख रही है। indiafirst.online