
इंडिया फर्स्ट | उत्तराखंड |
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 9 दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। इनके रेस्क्यू के लिए देहरादून से ड्रिलिंग मशीन लेकर आ रहा एक ट्रक ऋषिकेश में खाई में गिर गया है।
यह हादसा सोमवार सुबह 3 बजे हुआ है। दुर्घटना में ट्रक ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हुआ है। ट्रक में वर्टिकल ड्रिलिंग की बैकअप मशीन थी।
वर्टिकल ड्रिलिंग की एक मशीन उत्तरकाशी पहुंच गई है। दोनों मशीनें सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) की थीं।
फंसे श्रमिकों को निकालने, 5-ऑप्शन एक्शन प्लान
उत्तराखंड में एक ध्वस्त सुरंग के अंदर 41 श्रमिक एक सप्ताह से अधिक समय से फंसे हुए हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि श्रमिकों को बचाने के लिए पांच-विकल्प कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है | सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार 12 नवंबर से उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इसके लिए पांच-विकल्प वाली कार्ययोजना पर काम कर रही है | बचाव अभियान नौवें दिन भी जारी है |
इस बीच जैन ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर की जानकारी मुहैया कराने के लिए एक वीडियो जारी किया. उन्होंने कहा कि सरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्र श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रहा है. उन्होंने कहा, “पांच विकल्प तय किए गए हैं और इन विकल्पों को पूरा करने के लिए पांच अलग-अलग एजेंसियां तय की गई हैं. पांच एजेंसियां अर्थात् तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल), रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) और टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसीएल) को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.”
सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘आलवेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के तहत किया जा रहा है. निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा पिछले रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं | उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है
इन 5 विकल्पों पर हो रहा काम
1. एसजेवीएनएल सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कर रहा है.
2. सीमा सड़क संगठन द्वारा केवल एक दिन में एक एप्रोच रोड का निर्माण पूरा करने के बाद आरवीएनएल ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है.
3. डीप ड्रिलिंग में विशेषज्ञता रखने वाली ओएनजीसी ने बरकोट छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग का शुरुआती काम भी शुरू कर दिया है.
4 . कार्य सुरक्षा व्यवस्था के बाद एनएचआईडीसीएल सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखेगी. इसकी सुविधा के लिए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार की है. श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक छत्र ढांचा बनाया जा रहा है.
5. टीएचडीसी बड़कोट से माइक्रो टनलिंग का काम करेगी, जिसके लिए भारी मशीनरी पहले ही जुटाई जा चुकी है.
