अमेरिका में फिर हुई गोलीबारी, 19 स्टूडेंट और 2 टीचर की मौत

इंडिया फर्स्ट। अमेरिकी के टेक्सास में मंगलवार को रॉब एलिमेंट्री स्कूल में 18 वर्षीय युवक ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में 19 स्टूडेंट और 2 टीचर की मौत हो गई। इस गोलीबारी के बाद एक बार फिर अमेरिका में हिंसक वीडियो गेम चर्चा में है। एक्सपर्ट इस तरह की अंधाधुंध गोलीबारी के पीछे हिंसक वीडियो गेम को भी जिम्मेदार मानते हैं। कई रिसर्च में यह साबित भी हो चुका है। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि जिन बच्चों ने गन वायलेंस वाले वीडियो गेम को देखा या खेला है, उनमें से 60% बच्चे तुरंत गन चलाना चाहते थे।
2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप ने भी गोलीबारी की घटना को नफरत और हिंसक वीडियो गेम से जोड़ा था। बंदूक और इस तरह के हथियारों से अमेरिका में गोलीबारी में सामूहिक हत्याओं की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं।
अकेले इस साल अमेरिका के स्कूलों में गोलीबारी की 27 घटनाएँ हो चुकी हैं. इससे 10 दिन पहले न्यूयॉर्क में सामूहिक गोलीबारी की एक घटना हुई थी जिसमें 10 लोग मारे गए थे।

अमेरिका में बंदूकों से कितने लोगों की मौत हुई?

1. अदम लांजा ने 2012 में कनेक्टिकट के एक स्कूल में हमला कर 26 स्कूली बच्चों और स्कूल के कर्मचारियों को मार दिया था। वह हर दिन कई घंटों तक दुनिया के कुछ सबसे हिंसक वीडियो गेम खेला करता था। इनमें स्कूल शूटिंग नाम का एक गेम भी शामिल था।

2. इसी तरह 2018 में फ्लोरिडा के हाईस्कूल पर हमला कर 17 लोगों की जान लेने वाले निकोलस क्रूज के बारे में भी कहा जाता है कि वह हर दिन 15 घंटे हिंसक वीडियो गेम खेला करता था।

सभी हमलों में एक सामान्य बात जरूर नजर आती है और वह है बड़ी मैगजीन वाली बंदूकों का आसानी से उपलब्ध होना। स्टीफन पैडॉक ने 2017 में लास वेगस के एक कंसर्ट पर गोलीबारी कर 58 लोगों की जान ले ली थी। वह ना तो मानसिक रोगी था, ना ही किसी विचारधारा से प्रभावित था और ना ही वीडियो गेम खेलता था। उसने दो दर्जन हथियारों का इस्तेमाल कर हमला किया। इसमें एआर-15 जैसे असॉल्ट राइफल भी शामिल थे। ब्यूरो रिपोर्ट। indiafirst.online

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