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इंडिया फर्स्ट। इस्लामाबाद।
Pakistan की हालत दिन ब दिन कंगाली और बदहाली की तरफ बढ़ती ही जा रही है। पाकिस्तान को अब अपने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को पाटना मुश्किल हो चला है। इसके लिए इस महीने मित्र देशों से चार अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने यह जानकारी दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की बात उठाई थी। दो दिन पहले नकदी संकट से जूझ रहे देश का आईएमएफ के साथ छह अरब डॉलर की ऋण सुविधा को फिर बहाल करने पर समझौता हुआ है। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, इस्माइल ने शनिवार को आईएमएफ द्वारा उठाए गए विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के मुद्दे का जिक्र किया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या श्रीलंका बनने की राह पर पाकिस्तान चल निकला है। दिनों दिन जिस तरह के हालात पाकिस्तान के बनते जा रहे हैं वो अच्छे दिन के संकेत तो नहीं हो सकते हैं।
मित्र देशों का नाम तक नहीं बताया
पाकिस्तानी (pakistani) मंत्री ने कहा कि आईएमएफ के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार जरूरत से चार अरब डॉलर कम है। उन्होंने कहा कि हम इस अंतर को इसी महीने पाट लेंगे। हालांकि, उन्होंने मित्र देशों का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा, हमें लगता है कि एक मित्र देश से तेल के टले भुगतान के रूप में 1.2 अरब डॉलर मिलेंगे। इसके अलावा एक अन्य देश सरकार से सरकार के आधार पर शेयरों में डेढ़ से दो अरब डॉलर का निवेश करेगा। इसके साथ ही एक देश हमें गैस देगा, जिसका भुगतान बाद में करना होगा। पाकिस्तान का बृहस्पतिवार को आईएमएफ से छह अरब डॉलर की ऋण सुविधा को फिर बहाल करने के लिए शुरुआती स्टाफ-स्तर का करार हुआ है।
पाकिस्तान के हाल बेहाल
पाकिस्तान (pakistan ) के हालात सिर्फ और सिर्फ कर्ज पर निर्भर है। ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान के सियासी नेताओं का काम, अलग अलग देशों से कभी इस्लाम के नाम पर तो कभी अपनी लाचारी के नाम पर भीख और कर्ज मांगना ही रह गया है। पाकिस्तान की नई शहबाज़ शरीफ सरकार भी अब इी राह पर निकल पड़ी है। पाकिस्तान को सऊदी अरब, चीन और तुर्की से मदद की उम्मीद है।
लेकिन जिस तरह से वैश्विक मंदी का संकट पूरे विश्व पर मंडरा रहा है उससे पाकिस्तान को ज्यादा समय तक भीख ( कर्ज ) मिलना मुमकीन नही लगता। indiafirst.online