
इंडियाफ़र्स्ट ब्यूरो। मध्य प्रदेश पुलिस की वेबसाइट में सेंधमारी हो गयी है. खबर है कि चीनी हैकर्स ने वेबसाइट से 5 मेगाबाइट डाटा निकाल लिया है. हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने हैकिंग, डाटा चोरी की बात से इंकार किया है.
अमेरिका की निजी साइबर सुरक्षा कंपनी इनसिक्ट ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है. इस रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय की स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ब्रांच के एक अधिकारी ने फोन पर बताया कि वेबसाइट पब्लिक डोमेन में है. कोई भी डाटा ले सकता है. वेबसाइट की 4 सर्विसेज सिर्फ लॉगिंग पासवर्ड से खुलती हैं. 2 सर्विसेज ओपन हैं. वेबसाइट का सर्वर चैक किया है लेकिन हैक, चोरी जैसे सबूत नहीं मिले हैं. एससीआरबी की तरफ से कहा गया है कि यह डाटा 29 जुलाई से 9 अगस्त तक निकालना बताया जा रहा है. कोई जानकारी सर्वर में नहीं मिली है, इसलिए अब रिपोर्ट देने वाली कंपनी से पत्राचार कर जानकारी ली जाएगी।
पूरा मामला ये है …
मैसाचुसेट्स स्थित रिकार्डेड फ्यूचर के इनसिक्ट ग्रुप ने कहा है कि हैकिंग समूह ने विन्नटी मालवेयर का उपयोग किया. इस समूह को अस्थायी तौर पर टीएजी-28 नाम दिया गया है. विन्नटी मालवेयर विशेष रूप से सरकार प्रायोजित कई चीनी गतिविधि समूहों के बीच साझा किया गया है. हालांकि, चीनी अधिकारी राज्य प्रायोजित हैकिंग के किसी भी रूप से इंकार करते रहे हैं. इनसिक्ट ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि साइबर हमले सीमा पर जारी तनावों से जुड़े हो सकते हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट …
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2021 की शुरुआत में रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में भारतीय संगठनों और कंपनियों को निशाना बनाने वाली राज्य प्रायोजित चीनी साइबर गतिविधियां 261 फीसदी तक बढ़ी हैं. फरवरी और अगस्त के बीच दो विन्नटी सर्वर्स के साथ एक मीडिया कंपनी को दिए गए चार आइपी एड्रेस की जांच की गई. निजी स्वामित्व वाली मुंबई की कंपनी के नेटवर्क से करीब 500 मेगाबाइट डाटा निकाला गया. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश के पुलिस विभाग से पांच मेगाबाइट डाटा निकाला गया. ग्रुप ने कहा कि जून और जुलाई में उसने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) में भी हैक की पहचान की. उसने कहा करीब 10 मेगाबाइट डाटा डाउनलोड किया गया और 30 मेगाबाइट डाटा अपलोड हुआ. हालांकि, यूआइडीएआइ ने बताया कि उसे इसकी जानकारी नहीं है.