21 सितंबर को पन्ना में होगी हीरों की बड़ी नीलामी, जानिए कितने कैरेट के होंगे डायमंड, कितनी होगी कीमत

एमपी के पन्ना जिले में हीरों की बड़ी नीलामी होने वाली है. ये नीलामी 21 सितंबर को होगी. इसमें 1.06 करोड़ के बिना तराशे हुए 139 हीरे शामिल किए जाएंगे. ये सभी हीरे मिलाकर 156.46 कैरेट के हैं. इनमें एक ऐसा हीरा भी शामिल है, जो 14.09 कैरेट का है

 

पन्ना. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना (Panna) जिले में 21 सितंबर को हीरों की बड़ी नीलामी होगी. इस नीलामी में बिना तराशे हुए 139 हीरे शामिल किए जाएंगे. इनकी बाजार में कीमत करीब 1.06 करोड़ आंकी गई है. ये सभी हीरे मिलाकर 156.46 कैरेट के हैं. इनमें एक ऐसा हीरा भी शामिल है, जो 14.09 कैरेट का है. इसकी कीमत 70 लाख रुपये है.

अधिकारियों का कहना है कि यही हीरा नीलामी का मुख्य आकर्षण होगा. ये हीरा फरवरी में एनएमडीसी कॉलोनी में रहने वाले रामप्यारे विश्वकर्मा को कृष्ण कल्याणपुर पटी की उथली हीरा खदान से मिला था. विश्वकर्मा ने अपने 7 साथियों के साथ मिलकर कृष्ण कल्याणपुर पट्टी की उथली हीरा खदान का हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाया और खदान लगाई. उस वक्त रामप्यारे ने बताया था कि सभी साथियों ने खदान में दिन-रात मेहनत की. आखिरकार उनकी मेहनत सफल हुई और उन्हें जेम्स क्वालिटी का हीरा मिला.

देश दुनिया में हीरे के लिए प्रसिद्ध पन्ना जिले के मझगवां में एशिया की एकमात्र हीरा खदान है. इसे नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NMDC) कई वर्षों से इसे चला रहा है. लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व प्रशासन की आपत्ति के बाद एनएमडीसी मझगवां में हीरा माइंस का काम 1 जनवरी से बंद कर दिया गया था. खदान बंद हुई तो श्रमिकों और स्टाफ में असंतोष फैला. बात जब क्षेत्रीय सांसद, विधायक और नेताओं तक पहुंची तो वो भी सक्रिय हुए. क्षेत्रीय सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह फौरन मुख्यमंत्री से मिले और एनएमडीसी की हीरा खदान फिर से शुरू करने की मांग रखी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बिना देर किए इस पर ध्यान दिया. उनके निर्देश पर राज्य शासन ने एनएमडीसी को अगले 20 साल के लिए खदान में काम करने की इजाज़त दे दी. शासन ने राज्य वन्य प्राणी बोर्ड को अपना सहमति पत्र भेज दिया है.

 

ये थी आपत्ति

 

प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल आलोक कुमार ने पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने जिक्र किया कि मझगवां हीरा खदान में 50 साल से काम जारी है. खदान की लीज 1 दिसंबर 2020 तक थी. राज्य सरकार ने इसकी खनन लीज 20 साल बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. अब मामला राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के पास पेंडिंग हैं. फिलहाल खदान में तब तक काम जारी रखा जाएगा जब तक राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड इस पर कोई निर्णय नहीं लेता. लेकिन इस दौरान कोई नया काम खदान में शुरू नहीं किया जाएगा और इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि वन्य प्राणियों पर इसका बुरा असर न पड़े.

Comments are closed.

Check Also

हनीमून के लिए गोवा का वादा कर पति ले गया अयोध्या, पत्नी ने मांगा तलाक

भोपाल निवासी एक पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ हनीमून के नाम पर धोखा करने का मामला सामने आया…