
इंडिया फर्स्ट । नई दिल्ली। दिल्ली के शादीपुर की संकरी गलियों को पार करते हुए मैं चौथी मंजिल पर, उस कमरे में दाखिल हुआ, जहां सामान से ज्यादा मेडल और ट्रॉफियां नजर आती हैं। इसे कमरा भी क्या कहें, 4×8 की एक छोटी सी जगह है। राहुल अपने मेडल समेटते हुए कहते हैं- ‘बारिश आती है तो पानी भर जाता है। गर्मी में पूरा कमरा भट्टी की तरह तपता है, रह पाना भी मुश्किल होता है।’
राहुल अपनी मजबूरियों को एक फीकी मुस्कुराहट से छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन देश में एथलीट्स की बार-बार दोहराई गई एक कहानी को बयान कर देते हैं। 25 साल के राहुल एथलीट हैं। पहले राहुल के मेडल और सर्टिफिकेट देखिए फिर आगे बात करते हैं।
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