
इंडिया फर्स्ट। रायपुर।
छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक के पारित हो जाने के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी में इसका श्रेय लेने की होड़ मची हुई है।
इस विधेयक के पारित होते ही कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने राम के बाद अपने-अपने आदिवासियों पर भी दावा ठोक दिया है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी सांसदों की बदौलत 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में लाया जा सका है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जब सदन में आदिवासियों से संबंधित विधेयक पर चर्चा हो रही थी, तो छत्तीसगढ़ के सभी कांग्रेस सांसद जानबूझकर सदन से अनुपस्थित थे। वे नहीं चाहते थे कि विधेयक पर चर्चा हो। इसके पहले भी पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विरोध कर कांग्रेस ने राज्यसभा में उसे पारित नहीं होने दिया था।